वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-
लखनऊ- किसान पथ पर आग से खाक हुई स्लीपर बस को परमिट देने में भयंकर लापरवाही हुई या इसे किसी विशेष प्रयोजन के तहत किया गया। संभागीय निरीक्षक यानी आरआइ ने बस को फिटनेस प्रमाणपत्र भी महज फोटो देखकर जारी कर दिया। इस गंभीर लापरवाही और नियमों की अवहेलना करने के दोषी गोरखपुर के आरआइ राघव कुमार कुशवाहा को निलंबित कर दिया गया है, कुशवाहा इन दिनों बरेली में तैनात हैं।
एक वर्ष में एनीवेयर यानी कहीं भी फिटनेस प्रणाली के तहत जारी प्रमाणपत्रों की जांच भी शुरू हो गई है। दैनिक जागरण ने उजागर किया था कि बस का फिटनेस गोरखपुर के आरटीओ में हुआ था। किसान पथ पर गुरुवार को स्लीपर बस संख्या यूपी 17 एटी 6372 में आग लगने से पांच यात्रियों की मौत व 13 अन्य घायल हुए थे। यह बस बिहार के बेगूसराय से दिल्ली जा रही थी। दुर्घटना का कारण इलेक्ट्रिकल शार्ट सर्किट सामने आया है।
परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने बताया, जांच में पाया गया कि बस का फिटनेस प्रमाणपत्र आठ अप्रैल 2024 को एनीवेयर फिटनेस प्रणाली के तहत फोटोग्राफ के आधार पर गोरखपुर से जारी किया गया।
बस में झुलसने से पांच लोगों की मौत हो गई थी।
एआइएस-119 मानकों के अनुरूप बस में न तो सीट का लेआउट था और न ही आपात निकास द्वार था। इस गंभीर लापरवाही के लिए तत्कालीन संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) राघव कुमार कुशवाहा को निलंबित कर उनके विरुद्ध विभागीय जांच संभागीय परिवहन अधिकारी वाराणसी शिखर ओझा को सौंपी गई है। वह तीन माह में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
आरटीओ गोरखपुर की रिपोर्ट से खुली पोल-
हादसे की शिकार बस के फिटनेस की पोल आरटीओ गोरखपुर की रिपोर्ट ने खोली। बस की फिटनेस कराने में जो फोटोग्राफ भेजे गए उसमें एक ही पिक्चर दिखी। फिटनेस में वाहन में अलग-अलग फोटो अपलोड करने के निर्देश हैं, किंतु फोटो के आधार पर ही फिटनेस हुआ, इसलिए एक ही फोटो का उपयोग किया गया था।
तीन सदस्यीय प्रदेशस्तरीय जांच समिति खंगालेगी रिकार्ड-
परिवहन आयुक्त ने बताया, परिवहन विभाग की ओर से ‘एनीवेयर फिटनेस’ प्रणाली के तहत पिछले एक वर्ष में जारी सभी फिटनेस प्रमाणपत्रों की जांच के लिए तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है, जिसकी अध्यक्षता अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन) संजय सिंह कर रहे हैं। यह समिति 15 दिन के भीतर प्रदेश भर में इस प्रणाली के दुरुपयोग की जांच करके रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।